Saturday, April 12, 2008


जंगल का raj


ek


ही अलोका


और एक बार


लालिमा और ओ


ओ संसार


पर्वत और तूउ



गोदुली के बेला


लुप्त विल्लेज


चाँद के गाव


संगी


सरकारी अन के bhandar


पानी रे पानी


जंगल से प्यार का


चोरही पे आज



मेहनत देहरी के


मेहनत देहरी के
जो मति को सोना कर के
उस मति से दे हमरी
जीवन को नया सबेरा

उसे पट nahi



एक और नही पता उसे

ओ केउ आ गया यह

आज जहा पूछे गा उसे

मासूम मन और मासूम तन

सपने आखो मी सघर्ष के दुनिया से बे खबर

किशन


दुनिया एक और

मै उस मोर्ड पर हू जहा दुनिया एक और
मै उस जहा मे हू जहा सुब अपनी है
और परियाई भी
मेने उसे कहा मेरा रास्ता है निराली
ओ उस पर भी
आ गया
मे सोच टी रह गयी
जमन मुझे गेला कर गया

गाव के महिला




हमारा गाव



Tuesday, April 8, 2008

ओ दुनिया के साथी कल जो सबेरा आईगा उसमे
सारी दुनिया समयगी
तू एक कदम चल टी
सही
दुनिया साथ चलेगी
इस ज़माने को आशा है इतनी
कल तू चलाजएगा
याद करेगे सारे